सोमवार, 7 अक्टूबर 2019

नज़र

हेल्लो ! फ़ोन किया था?
हाँ!
बोलो...
कुछ पूछना था!
जी महोदया कंप्यूटर जी हाज़िर हैं... पूछिये!

(गम्भीर आवाज़ में)
नज़रें पहचान लेते हो क्या?
नज़रें? थोड़ा हिंदी में बोलना फिर से।
हे भगवान !! अरे मैं कह रही हूँ की तुम्हे नज़रों से पता लग जाता है की कौन तुमसे प्यार करता है और कौन फ़रेब? 
अच्छा ऐसा! हम्म हाँ पहचान लेता हूँ, लगभग।
सीखा दो न मुझे भी।
अरे ये तजुर्बे से आता है, इसकी कोई rule book थोड़ी न है।
नही !! फिर भी सीखा दो please...
अच्छा? चलो ठीक है ! मिलते हैं आज।
ओके! राजीव चौक आ जाओ ।

मैं रास्ते भर परेशान रहा के इम्प्रैशन जमाने के चक्कर मे "हाँ सीखा दूंगा" बोल तो दिया, लेकिन उसको समझाऊं कैसे? मैं राजीव चौक पहुंच गया, उसको फ़ोन किया..
कहाँ हो?
आ रही हूँ 5 min और लगेंगे! तुम पहुंच गए?
हाँ पहुंच गया। सुनो CCD वाले साइड आना वहीं खड़ा हूँ।
Hello! कहाँ पे हो? नज़र तो नही आ रहे।
CCD के पास खड़ा हूँ, अच्छा सुनो एक बात!
क्या हुआ अब?
फ़ोन काटो और अपनी एक सेल्फी लो बिल्कुल अभी जैसी हो वैसी ही।
अजीब हो तुम, क्यों ले सेल्फी?
अरे बाबा लो तो सही कुछ बताना है।
अच्छा रुको लेती हूँ ।
हाँ hello! हाँ ले लिया सेल्फी। अब ? 
अब जब मैं आऊँ तो मेरे फ़ोटो भी click करना, चेहरा पसंद न आये तो बाद में डिलीट कर देना लेकिन अभी के लिए एक बार pic ले लेना ठीक है।
हे भगवान! हम पागल हो जाएंगे । क्या सब करना पड़ रहा है। चलो ठीक है कर लुंगी click.

(ऑटो चाहिए madam ऑटो) 
मेट्रो में ऑटो वाले नही आते पागल....

(उसने फ़ोन निकाल के मेरी फ़ोटो क्लिक की)
अब खुश! अब बताओ के तुम मिलने क्यों बुलाये और ये फोटो फ़ोटो क्या चल रहा है?
आओ सब बताता हूँ। तुमने पूछा था न के नज़रें कैसे पहचानते हैं।
हाँ, तो उसके लिए फ़ोटो क्यों लेना जरूरी था।
फ़ोन निकालो...
हाँ लाओ इधर फ़ोन....
नही यहीं से देखो।
अच्छा! ये देखो जो तुम्हारी सेल्फी है इसमें क्या नज़र आ रहा है?
मेरे मुह पे पिम्पल्स है, और पीछे से एक लड़का घूर रहा है बस यही नज़र आ रहा है।
अरे भैया! आंखों में क्या नज़र आ रहा है?
कुछ भी तो नहीं।
गौर से देखो, ये जो आंखें हैं ना ये किसी को ढूंढ रही है, और अगर समझ नहीं आ रहा तो बस याद कर लो क्योंकि ये बातें तज़ुर्बे से आती है।
चलो ठीक है मैं अभी याद ही कर लेती हूँ।
और अब ये देखो ये मेरी तस्वीर..
हाँ इसमें मुझे एक पागल आदमी नज़र आ रहा है।
हाँ मैं भी एक पागल इंसान को ही देख के हंस रहा था। इस फ़ोटो में मेरी आँखों मे जो है वो प्यार है....  हाँ मतलब ये प्यार वाली आंखें हैं।
(ये बोलते बोलते मैंने अपना हाथ उसकी हाथों पे रख दिया, और कैमरा भी खोल के बैठा था। उसने मेरे हाथों को हटा दिया।)

क्या हो गया?
(मुस्कुराते हुए उसने कहा के कुछ भी तो नही.... मैंने उसकी ये बोलते हुए तस्वीर ले ली।)

सुनो एक फ़ोटो भेज रहा हूँ, व्हाट्सएप चेक कर लेना, वो तस्वीर जिसकी भी है, उसकी आँखों मे फ़रेब है।
(मैं ये बोल कर निकल गया, क्योंकि मुझे मालूम था की वो मेरे अलावा किसी और की भी है।)

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