शनिवार, 21 दिसंबर 2019

जायज सवाल

इन दिनों एक वीडियो काफी वायरल हो रहा है। जिसमे एक व्यक्ति एक मंच से कुछ बातें कर रहा है। उन बातों में नफरत है, किसी एक धर्म विशेष के लोगों के लिए। यहां तक कहा गया की हम (यानी के हिन्दू धर्म) खतरे में हैं, हमे इसे बचना है, और इसको बचाने के रास्ते मे जो कोई भी आएगा उसको छोड़ेंगे नही। उस व्यक्ति ने ये भी कहा की शाखा में जो शिक्षा दी जाती है उसके अलावा AK47 की भी शिक्षा दी जाए।
ये बातें किसी एक व्यक्ति विशेष की हो सकती है, इस विचारधारा को बनने में उसकी एक उम्र गई है, मैं ना तो किसी राजनीतिक पार्टी पे सवाल करना चाहता हूँ न ही संघ के लोगों पर।
मेरे सवाल है उन लोगों से जो उसकी बातों पर "जय श्री राम" के नारे लगा रहे थे। तालियां बजा कर समर्थन दे रहे थे। क्या हम किसी से इतनी नफरत करने लग गए हैं की जान लेने की बात करने लग जाये और उन घटिया बातों पर तालियां बजे?
हिंदुत्व पर आज सवाल उठने लगे गए हैं, श्री राम का नाम ले कर बहुत से काम हो रहे है। जब ये हाल देखता हूँ तो अपनी बचपन कि कहानी याद आ जाती है।

मैं जब छोटा था तब कुत्तों से बहुत डरता था, बैरहाल आज भी डर बरकार है। तो मैं जब भी कहीं अकेले जाता तो साथ मे पत्थर रख लेता, ये मानते हुए के क्या पता कहीं कुत्तों से मुकाबला न करना पड़ जाए, लेकिन कभी ऐसा हुआ नही। बल्कि इसके उलट मैं ही पहले पत्थर फेक कर अपने आप को सुरक्षित कर लेता था। एक रोज़ ये सब मेरी दादी ने देखा और मुझे बुला कर ये कहा की "कुत्तों को मत मारो"। बच्चे का सवाल तैयार था और डर भी "क्यों न मारे, काट लेगा तो"। मेरी दादी ने प्यार से समझाया की जब तक मैं उसे बहुत तंग न कर दूं तब तक वो मुझे कोई नुकसान नही पहुचायेगा। मैं फिर भी ज़िद करने लगा की नही काट लेगा फिर? दादी ने कहा की कुत्ते भगवान होते हैं, मैंने फिर पूछा कि कैसे भगवान होते हैं? तो मुझे बताया गया की काली मां के साथ जो एक कुत्ता होता है वो भैरव बाबा हैं, भगवान हैं। ये सुन के मैं डर गया की अब तक मैं भगवान पर पत्थर मरता था, अब डर कहो या कुछ और मैंने कुत्तों पर पत्थर फेंकने बंद कर दिया।
हिंदू धर्म ये है जिसमें जानवर भी भगवान स्वरूप हैं। ना जाने हम कबसे हिंसा की बात करने लग गए। किसी को दुख पहुचा कर किसी को मार कर जय श्री राम के नारे, न जाने हम क्यों लगाने लग गए? किसी धर्म विशेष को गाली देने से, मुझे नही पता के मेरे राम कितने बड़े हो जाएंगे।

इसके बाद मेरे कई दोस्त कहेंगे के मुस्लिम नेता भी तो ऐसा नफरत फैलाने वाला बयान देते हैं उनको क्यों नही कुछ कहते? तो जवाब ये रहा- के मैं हिन्दू धर्म मे पैदा हुआ, पला तो इसकी जानकारी ज्यादा है, मैं अपना घर देख रहा हूँ, और नफरत फैलने वाला किसी भी धर्म का हो अच्छा तो नही ही है वो।

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