शुक्रवार, 10 जनवरी 2020

।। हिन्दी की वैश्विक धमक।।

हम सब जानते हैं कि आज १० जनवरी को प्रति वर्ष विश्व हिंदी दिवस मनाया जाता है। आज ही के दिन २००६ में तत्कालीन प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह ने विश्व हिंदी दिवस मनाने की घोषणा की थी। इसके बाद से ही विदेश मंत्रालय हर साल हिंदी के उत्थान और उन्नयन के लिए विभिन्न देशों में अवस्थित हमारे दूतावासों में इससे संबंधित कार्यक्रमों का आयोजन करती है।इसका उद्देश्य हिंदी के प्रति वैश्विक स्तर पर जागरूकता लाना और हिंदी को एक वैश्विक भाषा के तौर पर विकसित करना है।
आज हिंदी पूरे विश्व में गौरव - पताका लहरा रही है।२००१ से २०११ के जनगणना के बीच हमारी कुल हिंदी - भाषी आबादी ४१ प्रतिशत से बढ़कर ४३ फीसदी हो गई है।यहीं नहीं आज का सबसे बड़ा आर्थिक महाशक्ति देश अमेरिका में हिंदी - भाषियों की संख्या ९ लाख तक पहुंच गई है।इस तरह हिंदी वहां की सर्वाधिक लोकप्रिय देशी भाषा है।इस सूची में गुजराती और तमिल क्रमशः दूसरे और तीसरे स्थान पर हैं।
पिछले साल आज ही के दिन संयुक्त राष्ट्र ने यू.एन. न्यूज के हिंदी वेबसाइट को लाउंच किया था उल्लेखनीय है कि जुलाई २०१८ से ही संयुक्त राष्ट्र संघ ने ट्विटर, फेसबुक और इंस्टाग्राम पर सोशल मीडिया सामग्री का हिंदी संस्करण भी प्रारंभ कर चुकी है। संयुक्त राष्ट्र महासभा में भी हिंदी के पक्ष में सदस्य देशों की संख्या बढ़ी है। पिछले दिनों राज्यसभा में पूछे गये प्रश्न के लिखित उत्तर में सरकार ने बताया कि संयुक्त राष्ट्र हिंदी - भाषी देश के सहुलियत के लिए हिन्दी संस्करणों और सामग्रियों को बढ़ावा दे रही है।
दुनिया का एक बङा बाजार और बङी संख्या में उपभोक्ता होने के चलते सबसे बड़ी साफ्टवेयर कंपनी गूगल ने अपना हिंदी 'इंडिक की - बोर्ड' बना रखा है।साथ ही कई सारी बहुराष्ट्रीय कंपनियां अपने कर्मचारियों - अधिकारियों के लिए हिंदी समझना और जानना अनिवार्य कर रखा है।
अगर हम देखें तो लगता है कि यदि हम अपने राजभाषा,सम्पर्क - भाषा के प्रति जागरूक होकर उसे संजोंयेंगे उसे संरक्षित करेंगें तो हमारी मातृभाषा एक अलग पहचान, अस्तित्व के साथ व्यापक स्तर पर उभरेगी।।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Tell me about the post, your likes and dislikes!
*********Thanks for Reading*********